.(08 मई 2022) द्विषष्ठिः (62) अंक साप्ताहिक.. |
(प्रकाशक : श्री ५ नवतनपुरी धाम, जामनगर) (फोन - 0288-272829 मोबाईल - 8511226600)
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प्रकटवाणी
श्री कृष्ण प्रणामी धर्माचार्य अनंतश्री विभूषित
जगद्गुरु आचार्य श्री कृष्णमणिजी महाराज
(गतांक एकषष्ठिः से आगे........)
इस भवसागरमें मोहरूपी जलकी तरंगें भी पर्वतोंकी भांति इतनी ऊंची उठ जाती हैं कि उसके चपेटमें आने पर बलशाली मनुष्य भी अपने स्थान पर खड़ा नहीं रह सकता । ऐसी लहरें एक दो ही उठती हो ऐसी बात नहीं है । यहाँ पर तो चारों ओरसे लहेरों पर लहरें उठती रहती हैं जिससे जलमें भवरें भी बनती हैं । उसमें फँसा हुआ व्यक्ति डूबता ही चला जाता है । कहते हैं,
तरंग बड़े मेर से होय, इत खड़ा ना रहने पावे कोए ।
लेहेरें पर लेहेरें मारे घेर, माहें देत भमरियां फेर ॥
आडे टेढे मांहे बेहेवट, विक्राल जीव मांहे विकट ।
दुःखरूपी सागर निपट, किनार बेट न काहूं निकट ॥
मोहके कारण मनुष्यकी आकांक्षाएं लहरोंकी भांति ऊंची-ऊंची उठ जाती हैं । उसमें खींचा हुआ मनुष्य मानसिक रूपसे स्थिर नहीं रह पाता है । मनकी तरंगें एक ही दिशामें उठती हों ऐसी बात नहीं है । उसकी कोई दिशा ही नहीं होती है । इसलिए वह अतीव भयंकर है । अपनी इच्छाओंकी पूर्ति न होनेके कारण मानव काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर जैसे शत्रुओंसे घिर जाता है । जैसे समूद्रमें डूबे हुए व्यक्तिको विकराल जलचर चारों ओरसे घेर कर कोई नोच लेते हैं तो कोई निगलने लगते हैं उसी प्रकार मोहमें डूबे हुए व्यक्तिको भी उक्त षड्रिपु अपने अधीन कर लेते हैं । इस प्रकार यह भवसागर निश्चय ही भयावह है । इसमें फंसे हुए व्यक्तिको इसका किनार या बेट (टापू) अर्थात् कोई आश्रय स्थान निकट दिखाई नहीं देता है । इतना ही नहीं,
ऊंचा नीचा गेहेरा गिरदबाए, कठन समया इत पोहोंचा आए ।
हाथ न सूझे सिर न पाए, इन अंधेरी से निकस्यो न जाय ॥
चारों ओर गहरा जल दिखाई देता है । ऐसेमें डूब जानेके भयके अतिरिक्त अन्य कोई सहारा दिखाई नहीं देता है । यह समय इतना कठिन है कि एक ओर गहरा पानी है तो दूसरी ओर अज्ञानरूपी अन्धकार व्याप्त है उसमें मैं कौन हूँ, परमात्मा कौन हैं आदिके विषयमें तनिक भी सुध नहीं रहती है । जैसे प्रगाढ धुंध होनेपर शरीरके ही हाथ, पैर या सिर नहीं सूझते हैं । ऐसे अज्ञानरूपी अन्धकारसे बाहर निकलना बड़ा ही कठिन है । ऐसे घोर अन्धकारमय जगतमें ब्रह्मात्माएँ आई हैं तो उन्हें भी अपने या परकी कोई सुध नहीं है । यथा,
चढ्यो मायाको जोर अमल, भूलियां आप माहें घर छल ।
ना सुध धनी ना मूल अकल, इन मोह जलको ऐसो बल ॥
सद्गुरुके वचनोंको सुनकर गांगजीभाईको चिन्ता होने लगी कि ऐसे भवसागरमें पड़ी हुई ब्रह्मात्माएँ मायासे इतनी प्रभावित हैं कि मानो मायाका कोई मद ही उन पर चढ़ गया है । इसलिए वे इस छलरूप घर (माया) में स्वयंको ही भूल कर फंसी हुई हैं । मोहजलका प्रभाव इतना शक्तिशाली है कि इसमें पड़ी हुई ब्रह्मात्माएँ भी स्वयंको, अपने धनीको और अपने धामको ही भूल बैठी । उनमें परम धामकी मूल बुद्धि ही नहीं है, ऐसा प्रतीत होता है । इसलिए सद्गुरुको संबोधित करते हुए श्री गांगजी भाई कहते हैं,
वचन बेहदके पारके पार, सो क्यों माने हदको संसार ।
त्रिगुण महाविष्णु मोह अहंकार, ए हद शास्त्रों करी पुकार ॥
ब्रह्मसृष्टि भी धरे मोहके आकार, सो इत आवसी कौन प्रकार ।
हे सद्गुरु धनी ! आप तो इस माया-मोहसे परे अविनाशी परम धामकी बांते कह रहे हैं किन्तु जिनकी बुद्धि माया-मोह पर्यन्त ही सीमित है ऐसे संसारके लोग आपकी बातोंको कैसे स्वीकार करेंगे? शास्त्रोंने तो इस ब्रह्माण्डके चौदह लोक एवं इनके अधिपति त्रिगुण स्वरूप ब्रह्मा, विष्णु, महेशसे लेकर अष्ट आवरण, शून्य निराकार एवं महाशून्य तथा भगवान नारायण पर्यन्तको क्षर जगतकी सीमा बता दी है । यहाँ पर्यन्तके लोग पूर्ण ब्रह्मके विषयमें अनभिज्ञ रहते हैं । ऐसेमें मृत्युलोकके मनुष्योंकी तो बात ही क्या करें ?
(क्रमश........)
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इस सप्ताहमें प्राप्त रसोई (भोजन भंडारा) की सेवा, अल्पाहारकी सेवा, साप्ताहिक पारायण - गोटा पारायण तथा अखण्ड पारायणकी सेवा एवं अन्य सेवाएं
1. राजकोट - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री परेशभाई तथा रोहितभाईकी ओरसे परमधामवासी श्री राजेशभाई लालजीभाई चांगाणीकी स्मृतिमें दिनांक 01/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें कायमी राजभोगकी सेवा एवं सादी रसोईकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
2. राजकोट - परमधामवासी श्रीमती कंचनबेन जयन्तीभाई सांगाणीकी स्मृतिमें दिनांक 01/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें गोटा पारायणकी सेवा एवं सादी रसोईकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
3. गोधरा - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्रीमती अम्बिकाबेन जेन्तीलाल श्रीमालीकी ओरसे दिनांक 01/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी गोटा पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
4. सिकंदराबाद - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री देवाशिष पियूषभाई जोबनपुत्राकी ओरसे दिनांक 02/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी फिक्स रसोईकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
5. वडेरा (अमरेली) - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री भरतभाई गोकुलभाई पानसुरियाकी ओरसे दिनांक 02/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें फिक्स रसोईकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
6. गोधरा - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्रीमती उर्मिलाबेन जेन्तीलाल श्रीमालीकी ओरसे दिनांक 02/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें गोटा पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
7. उदयपुर - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्रीमती देवीका साल्वीकी ओरसे हिमांशु साल्वीके नाममें दिनांक 02/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी साप्ताहिक पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
8. श्री 5 नवतनपुरी धाम - ब्रह्मलीन आचार्यश्री 108 धर्मदासजी महाराजश्रीके हजूरी श्री रामदास महाराजजीकी ओरसे दिनांक 03/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें फिक्स रसोईकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
9. हिम्मतनगर - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री हिमांशुभाईकी ओरसे परमधामवासी श्री निरंजनप्रसाद नटवरलाल पंड्याकी स्मृतिमें दिनांक 03/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें गोटा पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
10. वलसाड - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री जतिनभाई भावसारकी ओरसे परमधामवासी श्री मनहरलाल छबिलदास मिस्त्रीकी स्मृतिमें दिनांक 03/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें साप्ताहिक पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
11. सांगणवा - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री भूदरभाई(मास्तर) बच्चुभाई कोराटकी ओरसे दिनांक 04/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें पक्की रसोईकी सेवा (रु.20,000/-) प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
12. गोंडल - परमधावासी श्री मनसुखभाई प्रागजीभाई राणपरियाकी स्मृतिमें दिनांक 04/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें कायमी राजभोगकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
13. ललितपुर (नेपाल) - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्रीमती सुशीला के.सी.की ओरसे दिनांक 04/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें फिक्स रसोईकी सेवा एवं गोटा पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
14. काठमाडौं (नेपाल) - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री नूरप्रकाश प्रधान तथा श्री मधु प्रधानकी ओरसे दिनांक 04/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें गोटा पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
15. मांडासण - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री यश अशोकभाई भण्डेरीकी ओरसे दिनांक 05/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें गोटा पारायणकी सेवा एवं पक्की रसोईकी सेवा (रु.23,145/-) प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
16. कोंझा - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री मनीषभाई रणछोडभाई नारियाकी ओरसे परमधामवासी श्री रणछोडभाई लालजीभाई नारियाकी स्मृतिमें दिनांक 05/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें गोटा पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
17. बावसर (साबरकांठा) - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री जयेशभाई मनुभाई पटेलकी ओरसे दिनांक 06/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें पक्की रसोईकी सेवा (रु. 17,250/-) प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
18. जामनगर - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्रीमती शारदाबेन प्रभुभाई सोरठियाकी ओरसे दिनांक 06/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें गोटा पारायणकी सेवा, ध्वजारोहणकी सेवा एवं फिक्स रसोईकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
19. भूज (कच्छ) - परमधावासी श्री भगवानजीभाई तुलसीभाई अनमकी स्मृतिमें दिनांक 06/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें कायमी राजभोगकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
20. हर्षदपुर - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री प्रवीणभाई चनाभाई गोरसियाकी ओरसे दिनांक 06/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें गोटा पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
21. जामनगर - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री रविभाई मगनभाई भंडेरीकी ओरसे परमधामवासी मगनभाई झीणाभाई भंडेरीकी स्मृतिमें दिनांक 07/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें फिक्स रसोईकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
22. मेटोडा - परमधामवासी श्रीमती उर्मिलाबेन वल्लभाई सभायाकी स्मृतिमें दिनांक 07/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें सादी रसोईकी सेवा एवं अखण्ड पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
23. पुराल - धर्मप्रेमी सुन्दरसाथ श्री सोमाभाई मोहनभाई पटेलकी ओरसे दिनांक 07/05/2022 को श्री 5 नवतनपुरी धाममें गोटा पारायणकी सेवा प्राप्त हुई है । धन्यवाद ।
स्मरणीय भोजन सेवा
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कोई भी सुन्दरसाथ स्वयंके अथवा अपने परिवारजनोंके जन्म दिनकी खुशीमें, किसी शुभ कार्यकी सफलताके लिए, अपने पूर्वजोंकी स्मृतिमें या अन्य किसी भी प्रयोजनके लिए श्री ५ नवतनपुरीधाममें इसी प्रकार रसोई, पारायण आदिकी सेवा प्रदान कर श्री राजश्यामाजीकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं । आपको विदित हो कि श्री 5 नवतनपुरी धाममें स्थायी रूपसे रहने वाले साधु, सन्त, विद्यार्थियोंके साथ साथ दूर-दूरसे दर्शनार्थ आने वाले सुन्दरसाथ भी भोजन प्राप्त करते हैं । |
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श्री तारमसागर पारायण श्री ५ नवतनपुरीधाम संपूर्ण सुन्दरसाथका गुरुस्थान है । यहाँ पर अपनी या अपने परिवारकी जन्म तिथिमें, पूर्वजोंकी पुण्यतिथिमें, किसी कार्यकी सफलताके लिए, किसीभी अन्य शुभ प्रसंगमें साप्ताहिक पारायण, अखण्ड पारायण एवं एक दिवसीय सामूहिक पारायण करवा कर कोई भी सुन्दरसाथ श्री राजश्यामाजीकी कृपा, श्री 5 नवतनपुरी धाम तथा परम पूज्य आचार्य महाराजश्रीके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं । जो सुन्दरसाथ प्रत्यक्ष रूपसे यहाँ पर उपस्थित नहीं हो सकते हैं उनके लिए सन्तजन तथा सुन्दरसाथ मिलकर पारायण करते हैं और उनकी ओरसे श्री राजजीसे प्रार्थना भी करते हैं ।
ध्वजारोहण अनेक सुन्दरसाथ ध्वजारोहण, रसोई आदिकी सेवा नियमित करते हैं । श्री 5 नवतनपुरी धाममें ध्वजारोहणकी सेवा भी महत्त्वपूर्ण मानी जाती है ।
गौशालाकी सेवा |